लाल सागर (Red Sea) के नीचे से गुजरने वाले ऑप्टिक केबल्स के काटे जाने से कई एशियाई देशों में इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्या उतपन्न हो गई है। इस आउटेज के चलते मध्य-पूर्व और दक्षिण एशिया के कई देशों में इंटरनेट स्पीड धीमी हो गई है। निगरानी संस्था NetBlocks ने भारत को भी प्रभावित देशों की सूची में शामिल किया है। हालांकि, भारतीय टेलीकॉम ऑपरेटर्स का कहना है कि उनके पास पर्याप्त बैकअप और वैकल्पिक मार्ग मौजूद हैं, जिससे इंटरनेट और डेटा सेवाएं बाधित नहीं हुई हैं।
NetBlocks ने एक्स (X) पर एक पोस्ट में लिखा, “पुष्टि की जाती है कि रेड सी में कई सबसी केबल आउटेज हुए हैं, जिससे पाकिस्तान और भारत समेत कई देशों में इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रभावित हुई है। यह घटना जेद्दा (सऊदी अरब) के पास SMW4 और IMEWE केबल सिस्टम की खराबी से जुड़ी है।”
Microsoft की क्लउड सर्विस पर पड़ा असर
इसी बीच, Microsoft ने भी अपने Azure प्लेटफॉर्म के यूजर्स को चेतावनी जारी की है। कंपनी के अनुसार, 6 सितंबर 2025 की सुबह 05:45 UTC से मध्य-पूर्व मार्गों से गुजरने वाले नेटवर्क ट्रैफिक में हाई लेटेंसी देखने को मिल सकती है। हालांकि, ट्रैफिक को वैकल्पिक मार्गों से रीरूट कर सेवाएं जारी रखी जा रही हैं।
Microsoft ने साफ किया कि “मध्य-पूर्व से होकर गुजरने वाले ट्रैफिक पर असर होगा, लेकिन अन्य रूट्स से जाने वाली सेवाओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। यूजर्स को समय-समय पर अपडेट दिया जाएगा।”
हूथी विद्रोहियों पर शक
हालांकि इस आउटेज की असली वजह साफ नहीं है, लेकिन कुछ रिपोर्ट्स ने यमन के हूथी विद्रोहियों की गतिविधियों को संभावित कारण बताया है। आमतौर पर अंडरसी केबल कटने के पीछे जहाजों के एंकर, प्राकृतिक आपदाएं, तोड़फोड़ या संघर्ष जिम्मेदार होते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, ऐसी खराबियों का समाधान जटिल होता है और रिपेयरिंग में लंबा समय लग सकता है। रेड सी जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में यह चुनौती और भी कठिन हो जाती है।
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