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न्यू नोएडा: गांव बसा नहीं और लुटेरे पहुंच गए…..!

मेट्रो मीडिया इनसाइड स्टोरी

संजीव चौहान

नई दिल्ली, मेट्रो मीडिया। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा-ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे के बीच ‘न्यू नोएडा’ बसाए जाने की फाइलें सरकारी दफ्तरों में तेजी से इधर-उधर भेजी जानी शुरू हो गई हैं। यह अलग बात है कि गांव बसा नहीं है और लुटेरे पहुंच गए हैं। मतलब, न्यू नोएडा को बसाए जाने की प्रक्रिया भले ही अभी क्यों न फाइलों में ही हो। इसके बावजूद मगर संभावित इलाके में (जिन जमीनों पर न्यू नोएडा बसना प्रस्तावित है) भू-माफिया, फाइनेंसर, प्रॉपर्टी डीलरों ने अपना अखाड़ा जमाना शुरू कर दिया है। विशेषकर तब से जबसे इन्हें इस बात की भनक लगी है कि, जल्दी ही न्यू नोएडा योजना का मुख्यालय, सिकंदराबाद-दादरी के बीच स्थित गांव जोखाबाद और सांवली की जमीनों पर स्थापित किया जा रहा है। बताना जरूरी है कि न्यू नोएडा राष्ट्रीय राष्ट्रीय क्षेत्र के उन लोगों के लिए बसने की नई जगह होगी, जो किन्हीं वजहों से नोएडा, ग्रेटर नोएडा या यमुना एक्सप्रेसवे आवासीय योजना में बस पाने से वंचित रह गए हैं।

इस महत्वाकांक्षी योजना के मुख्यालय की इमारत जोखाबाद-सांवली गांव की जमीन पर स्थापित करने की मंजूरी न्यू नोएडा के मुख्य-कार्यपालक अधिकारी (सीईओ न्यू नोएडा परियोजना) की ओर से दी जा चुकी है। नोएडा, दादरी, गाजियाबाद के बीच मौजूद दादरी-नोएडा-गाजियाबाद इन्वेस्टमेंट रीजन यानी डीएनजीआईआर जिसे, न्यू नोएडा के नाम से ही आइंदा जाना-पहचाना जाएगा। फिलहाल शुरूआती दौर में न्यू नोएडा को करीब 16 हजार 500 हेक्टेयर में बसाए जाने की योजना अमल में लाई जा रही है। प्रथम चरण में दादरी जीटी रोड के किनारे स्थित गांव चिटेहरा, नई बस्ती, बील अकबरपुर और कोट गांवों की जमीनों का अधिग्रहण करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।

इस बावत न्यू नोएडा के अधिकारियों ने भूमि अधिग्रहण हेतु जिला प्रशासन से संबंधित कानूनी दस्तावेज जल्द से जल्द मुहैया कराए जाने का अनुरोध किया है। जमीन अधिग्रहण के प्रथम चरण में 15 गांव की जमीनें सरकार अधिग्रहीत करेगी। हालांकि न्यू नोएडा के लिए भविष्य में गौतमबुद्ध नगर और बुलंदशहर जिले के 80 गांवों को भूमि-अधिग्रहण के लिए चिन्हित किया गया है। इन 80 गांवों में से 60 गांव बुलंदशहर जिले के और बाकी 20 गांव गौतमबुद्ध नगर जिले की सीमा के होंगे। प्रशासन और न्यू नोएडा प्राधिकरण की प्राथमिकता यह है कि वो, किसी भी तरह से यह जमीनें सीधे किसानों से खरीदें। ताकि भविष्य में न्यू नोएडा बसने की स्थिति में किसानों का भी सीधा फायदा हो सके।

दिलचस्प यह है कि अभी न्यू नोएडा को बसाए जाने की योजना अपने शैशवकाल में ही है। बावजूद इसके इलाके में न्यू नोएडा बसाए जाने की सुगबुगाहट से इलाके में भू-माफियाओं की सरगर्मियां तेज हो गई हैं। यह भू-माफिया अपने संगठित गिरोह कहिए या फिर टीमें बनाकर, किसानों को बहला-फुसलाकर उनसे उनकी कीमती जमीनें अभी से खरीद लेने की जोड़तोड़ में जुट गए हैं। ताकि न्यू नोएडा के विकास के साथ-साथ यह भू-माफिया आइंदा इन्हीं जमीनों में भारी मुनाफे के लिए ऊंची दरों पर आमजनों को बेच सकें। कुछ स्थानीय लोगों की मानें तो बीते साल इस इलाके में किसानों की जो जमीनें 15 हजार रुपए वर्गमीटर की दर से बिक रही थीं। अब वे ही जमीनें 80 हजार से एक लाख रुपए प्रति वर्ग मीटर की दर पर बिकने लगी हैं।

कुछ भू-माफियाओं ने तो यहां औने-पौने दाम में किसानों की जमीनें खरीद कर उन पर चार-दीवारी भी खड़ी करवा डाली है। ताकि आइंदा अगर न्यू नोएडा प्राधिकरण से मुआवजे की मोटी रकम मिले, तो उस पर इन्हीं भू-माफियाओं की कानूनी हकदारी साबित हो सके।

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