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विश्व रक्त दाता दिवस: न रिश्ता न कोई पहचान, पर खून देकर बचा रहे अनजान की जान; मदद के लिए आगे आ रहे रक्तदाता

विशेषज्ञ बताते है कि अकेले दिल्ली में हर दिन हजारों यूनिट रक्त की जरूरत होती है। हर मरीज रक्त की व्यवस्था नहीं कर पाता। ऐसी मुश्किल भरे समय में यह हीरो मदद के लिए आगे आते हैं। ऐसे ही ये कुछ हीरो हैं।

कोई रिश्ता नहीं और न कभी मिले, लेकिन जब जिंदगी पर आन पड़ी तो अपना खून देकर किसी अनजान को बचा लिया। जी हां ऐसे ही कुछ हीरो हैं जो जरूरत पड़ने पर अपना खून देकर मुश्किल भरी राहों में रिश्ते बना लेते हैं। विशेषज्ञ बताते है कि अकेले दिल्ली में हर दिन हजारों यूनिट रक्त की जरूरत होती है। हर मरीज रक्त की व्यवस्था नहीं कर पाता। ऐसी मुश्किल भरे समय में यह हीरो मदद के लिए आगे आते हैं। ऐसे ही ये कुछ हीरो हैं।

मन में मदद करने का भाव जगा तब से कर रहा हूं रक्तदान
साल 2020 में एम्स में इलाज करवाने आए एक मरीज को रक्त की जरूरत थी। रक्त के अभाव में इलाज में देरी हो रही थी। उस समय उक्त मरीज के बारे में पता चला। मन में एक भाव जागा कि मदद करनी चाहिए, तभी से रक्तदान करने का सफर शुरू हुआ। अभी तक 20 से अधिक मरीजाें को रक्तदान कर चुका हूं। ये मरीज कौन हैं, कहां से आए, इसके बारे में न कभी पता किया और न जानने की इच्छा रखी। मेरे लिए  अनजान मरीज की मदद करना ही प्रमुख है। एक मदद से उसकी जिंदगी बच सकती है। इस प्रयास से अच्छा और कुछ नहीं हो सकता। – पवन यादव, नर्सिंग अधिकारी, एम्स

किसी अनजान की जिंदगी बचाकर मुझे बहुत खुशी होती है
राजस्थान में एक रक्तदान शिविर के दौरान खून देने का मौका मिला। उससे पहले तक यह डर बना रहता था कि खून देने से नुकसान हो सकता है। शरीर में कमजोरी आ जाएगी, लेकिन रक्तदान के बाद सारा डर निकल गया। अब जब कभी भी कहीं से मदद के लिए फोन आता है, उसकी मदद के लिए निकल पड़ता हूं। पिछले 20 साल में 50 से अधिक बार रक्तदान कर चुका हूं। रक्तदान के बाद किसी अनजान की जिंदगी बचाकर बहुत खुशी होती है। लगता है कुछ कर पाया। – अनिल जैन व्यापारी, मानसरोवर गार्डन निवासी

अब तक 20 बार से अधिक रक्तदान कर चुका हूं 
कोरोना महामारी के बाद लगा कि समाज के लिए कुछ करना चाहिए। उस समय एम्स में रक्तदान करने का मौका मिला। यह पहली बार था जब किसी अनजान के लिए खून देकर बड़ी खुशी हुई। लगा कि मेरा काम सार्थक है। इससे न केवल उसकी जिंदगी बचेगी, मुझे भी एक नई राह मिलेगी। अब तक 20 बार से अधिक रक्तदान कर चुका हूं। इससे पहले कॉलेज के समय भी रक्तदान किया है, लेकिन कोविड के बाद जो अभियान शुरू किया उसमें जब भी मौका मिलता है, तो मदद करने की कोशिश करता हूं। – संतोष कुमार,  इंश्योरेंस अधिकारी

विश्व रक्तदाता दिवस पर हमें याद रखना चाहिए कि प्रत्येक रक्तदान केवल एक चिकित्सा कार्य नहीं है, बल्कि यह करुणा, प्रतिबद्धता और आशा का कार्य है, इसलिए जब भी मौका मिले तो रक्तदान जरूर करना चाहिए। – साइमा वाजेद, क्षेत्रीय निदेशक डब्ल्यूएचओ, दक्षिण-पूर्व एशिया

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