नई दिल्ली। दिल्ली आबकारी नीति घोटाले (Delhi Excise Policy Scam) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने शुक्रवार को पूरक आरोपपत्र दाखिल किया, जिसमें राज्यसभा सदस्य संजय सिंह को पहली बार आरोपित बनाया गया है। ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की विभिन्न धाराओं के तहत एक स्थानीय अदालत में आरोप पत्र दायर किया। आप (AAP) नेता संजय सिंह की न्यायिक हिरासत की अवधि चार दिसंबर को खत्म हो रही है। ऐसे में उनकी उसी दिन कोर्ट में पेशी हो सकती है। इस दौरान कोर्ट ईडी के पूरक आरोपपत्र पर संज्ञान ले सकता है।
ईडी के पांचवें पूरक आरोप पत्र (Supplementary Charge Sheet) में कहा गया है कि मामले में एक अन्य आरोपित व्यवसायी दिनेश अरोड़ा ने संजय सिंह के आवास पर दो किस्तों में दो करोड़ रुपये नकद दिए। यह राशि अगस्त, 2021 से अप्रैल, 2022 के बीच दी गई थी। संजय सिंह ने इन आरोपों का खंडन किया है।
ईडी ने आरोप लगाया है कि संजय सिंह ने आबकारी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे कुछ शराब निर्माताओं, थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं को मौद्रिक लाभ हुआ।आप नेता संजय सिंह ने अदालत में जमानत के लिए आवेदन भी दायर किया है, जिस पर न्यायालय ने ईडी को नोटिस जारी कर पांच दिसंबर तक जवाब देने को कहा है।
न्यायालय जमानत आवेदन पर छह दिसंबर को सुनवाई करेगा। ईडी ने मामले में आरोपित से सरकारी गवाह बने व्यवसायी दिनेश अरोड़ा द्वारा संजय सिंह का नाम लिए जाने के बाद उनके आवास पर चार अक्टूबर को छापेमारी की थी। 11 घंटे तक तक चले छापे के बाद संजय सिंह को गिरफ्तार कर लिया था।
पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के बाद वह दूसरे बड़े नेता हैं, जिन्हें इस मामले में गिरफ्तार किया गया है। आम आदमी पार्टी ने गिरफ्तारियों और मामले को ‘राजनीतिक षड्यंत्र’ करार दिया है। बता दें कि अरोड़ा ईडी और सीबीआइ दोनों मामलों में सरकारी गवाह बन गए हैं।
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