header advertisement

दिल्ली में प्रोपर्टी की कीमतों ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, सर्किल रेट में हुआ 10 गुना इजाफा

नई दिल्ली और दक्षिणी दिल्ली जिला में प्रोपर्टी की कीमतों में जबरदस्त इजाफा किया गया है। जानकारी के अनुसार अब प्रोपर्टी लगभग पांच करोड़ रुपये प्रति एकड़ हो गई है। वहीं कृषि भूमि के सर्किल रेट 10 गुना बढ़ा दिए गए हैं। अलग-अलग जिलों के हिसाब से कृषि भूमि के लिए अलग-अलग रेट निर्धारित किए गए हैं।

नई दिल्ली: अरविंद केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के सभी किसानों की कृषि भूमि और यमुना बांध से सटी कृषि भूमि का सर्किल रेट बढ़ाने का फैसला लिया है।

वहीं ये सर्किल रेट 10 गुना तक बढ़ाने का फैसला लिया गया है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को इसके प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। कृषि भूमि के सर्किल रेट 2008 के बाद पहली बार यानी करीब 15 साल बाद बढ़ाए गए हैं।

2013 व 2015 में सरकार बनने के बाद से ही केजरीवाल सरकार कृषि भूमि के सर्किल रेट बढ़ाने को लेकर लगातार प्रयासरत थी।

बीच में कोविड-19 आ जाने की वजह से सर्किल रेट बढाने की प्रक्रिया बाधित हुई। अब केजरीवाल सरकार ने कृषि भूमि के रेट नए सिरे से तय कर दिया है। पहले पूरी दिल्ली में कृषि भूमि का सर्किल रेट एक सामान होता था, लेकिन अब जिलावार तय किया गया है।

साथ ही, इसे ग्रीन बेल्ट विलेज, अर्बनाइज्ड विलेज और रूरल विलेज कटेगरी में बांटा गया है। साउथ और नई दिल्ली जिले में कृषि भूमि का सर्किल रेट सबसे अधिक 5 करोड़ रुपए प्रति एकड़ होगा। अब इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए एलजी के पास भेजा जाएगा।

किसान कर रहे थे सर्किल रेट बढ़ाने की मांग

सोमवार को दिल्ली सचिवालय में राजस्व मंत्री आतिशी ने कृषि भूमि और यमुना बांध से सटी कृषि भूमि के सर्किल रेट बढ़ाने के प्रस्ताव को सीएम अरविंद केजरीवाल के समक्ष रखा था,

जिसे उन्होंने तत्काल अपनी मंजूरी दे दी। सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि दिल्ली के किसानों की ये बहुत समय से मांग थी कि उनकी खेती की ज़मीन के रेट बढ़ाए जाएं।

कुछ वर्ष पहले हमने बढ़ाए भी थे, पर उस वक्त कुछ कारणों से वो लागू नहीं हो पाए। आज मुझे दिल्ली के अपने सभी किसान भाइयों को बताते हुए ख़ुशी हो रही है कि आपकी यह मांग पूरी हुई। आपका बेटा आपके हित के लिए हमेशा काम करता रहेगा।

सर्किल रेट में बदलाव से किसानों को होगा फायदा

वहीं, दिल्ली में कृषि भूमि के सर्किल रेट बढ़ाने को लेकर राजस्व मंत्री आतिशी ने सचिवालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि केजरीवाल सरकार द्वारा किसानों के हक़ में बहुत बड़ा फैसला लिया गया है।

सरकार के इस फैसले के तहत दिल्ली में 2008 के बाद पहली बार किसानों की कृषि भूमि के सर्किल रेट में बदलाव किया जाएगा और इससे किसानों को बहुत फायदा होगा।

राजस्व मंत्री ने बताया कि 2008 से अबतक दिल्ली में कृषि भूमि का सर्किल रेट मात्र 53 लाख रुपए प्रति एकड़ था। इस वजह से किसान जब अपनी जमीन बेचना चाहते हैं तो उन्हें उसका उचित दाम नहीं मिलता है।

साथ ही जब दिल्ली सरकार विकास कार्यों जैसे सड़कें-फ्लाईओवर, यूनिवर्सिटी-अस्पताल बनाने के लिए किसानों की जमीन का अधिग्रहण करती है तो किसानों को अधिसूचित सर्किल रेट 53 लाख रुपए प्रति एकड़ के अनुसार ही मुआवजा मिलता है, जो मौजूदा मार्केट रेट के हिसाब से कम है।

सर्किल रेट में बदलाव से किसानों को मिल सकेगा जायज मुआवजा

राजस्व मंत्री आतिशी ने कहा कि कृषि भूमि का सर्किल रेट कम होने से किसानों को नुकसान होने के साथ ही दिल्ली सरकार को भी नुकसान होता है। क्योंकि जब किसानों को उनकी जमीन का कम मुआवजा मिलता है

तो वे सरकारी प्रोजेक्ट के लिए अपनी जमीन नहीं देना चाहते हैं। ऐसे में कई बार मामला कोर्ट तक जाता है और लंबे समय तक केस चलता है। इस वजह से बहुत से विकास कार्यों कोपूरा करने में देरी हो जाती है।

चूंकि अब सर्किल रेट में नए बदलाव किए गए हैं। इसके बाद अब दिल्ली के किसानों को भूमि अधिग्रहण के दौरान सही और जायज मुआवजा मिल सकेगा। राजस्व मंत्री आतिशी ने कहा कि वर्तमान में पूरी दिल्ली में कृषि भूमि का सर्किल रेट हर जिले में एक समान 53 लाख रुपए प्रति एकड़ था,

जबकि वास्तविक रूप में दिल्ली के कुछ हिस्सों में जमीन की कीमतें बाकी जगहों की तुलना में काफी ज्यादा है और जमीन की मांग भी काफी ज्यादा है। ऐसे में इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार ने किसानों के हक में यह फैसला लिया है

और कृषि भूमि के सर्किल रेट में बदलाव करने का भी फैसला लिया है। इसके अंतर्गत दिल्ली के अलग-अलग जिलों में कृषि-भूमि का अलग-अलग सर्किल रेट निर्धारित किया जाएगा।

दक्षिणी जिला में मिलेगा 5 करोड़ रुपए प्रति एकड़ मुआवजा

राजस्व मंत्री आतिशी ने कहा कि नए सर्किल रेट के अनुसार, नई दिल्ली जिला और दक्षिणी जिला में 5 करोड़ रुपए प्रति एकड़, उतर, पश्चिम, उत्तर-पश्चिम व दक्षिण पश्चिम जिले में 3 करोड़ रुपए प्रति एकड़, मध्य और दक्षिण पूर्वी दिल्ली में 2.5 करोड़ रुपए प्रति एकड़ और शहादरा, उत्तरी-पूर्वी व पूर्वी जिला में 2. 25 करोड़ रुपए प्रति एकड़ निर्धारित किया गया है।

राजस्व मंत्री आतिशी ने कहा कि दिल्ली सरकार के इस फैसले के बाद दिल्ली के किसानों को दो बड़े फायदे होंगे। पहला, किसान जब बाजार में अपनी जमीन बेचने जाएंगे

तो उन्हें उसका वाजिब दाम मिलेगा। दूसरा, सरकार जब किसी विकासात्मक कार्य के लिए किसानों की भूमि का अधिग्रहण करेगी तब किसानों को उचित मुआवजा मिलेगा।

No Comments:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

sidebar advertisement

National News

Politics