दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण स्तर के बीच नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (NDMC) ने बड़ा फैसला लिया है। NDMC ने लोगों को प्राइवेट वाहन का इस्तेमाल कम करने और पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए पार्किंग शुल्क बढ़ाकर दोगुना कर दिया है।
NDMC की ओर से कहा गया है कि दिल्ली में GRAP का चौथा चरण लागू किया गया है, जिसमें सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने के लिए पार्किंग शुल्क बढ़ाने का प्रावधान था. इसलिए परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए 31 जनवरी, 2024 तक NDMC ने पार्किंग शुल्क को दोगुना करने का फैसला किया है. यह ऑनरोड और ऑफरोड दोनों ही तरह की गाड़ियों पर लागू होगा।
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NDMC के पास 91 पार्किंग स्थल
नई दिल्ली नगरपालिका परिषद क्षेत्र में कुल 91 पार्किंग स्थल हैं. इनमें से 41 का प्रबंधन NDMC द्वारा ही किया जाता है, जबकि अन्य का रखरखाव दूसरी एजेंसियों को आउटसोर्स किया गया है. राजपथ और एम्स के बीच पार्किंग स्थल, जिनमें सरोजिनी नगर बाजार, खान मार्केट, लोधी रोड, आईएनए, एम्स और सफदरजंग शामिल हैं, ये NDMC क्षेत्र में आते हैं. इन साइटों पर भारी ट्रैफिक रहता है।
NDMC के एक अधिकारी ने कहा, “जलवायु परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए ऑफरोड और ऑनरोड पार्किंग फीस को दोगुना कर दिया गया है. 31 जनवरी, 2024 तक उन पार्किंग स्थलों का चार्ज ही बढ़ाया गया है, जिन्हें NDMC अपने कर्मचारियों के जरिए मैनेज करती है.”
NDMC अभी कितना लेती है पार्किंग चार्ज?
NDMC वर्तमान में सतही पार्किंग स्थलों पर चार पहिया वाहनों के लिए 20 रुपये प्रति घंटा और अधिकतम 100 रुपये प्रति दिन और दोपहिया वाहनों के लिए 10 रुपये प्रति घंटा और अधिकतम 50 रुपये प्रति दिन चार्ज लेती है।
चार पहिया वाहनों के लिए मासिक शुल्क 2,000 रुपये और दोपहिया वाहनों के लिए 1,000 रुपये तय किया गया है. एजेंसी अपने मल्टीलेवल पार्किंग स्थलों पर चार पहिया वाहनों के लिए चार घंटे तक के लिए 10 रुपये और दोपहिया वाहनों के लिए चार घंटे तक के लिए 5 रुपये का चार्ज लेती है. पालिका भूमिगत पार्किंग पर भी यही दरें लागू होती हैं।
NDMC द्वारा जारी की गई अधिसूचना में कहा गया है कि प्रदूषण की स्थिति की वजह से दिल्ली में ग्रेडेड एक्शन रिस्पॉन्स प्लान यानी GRAP का चौथा चरण लागू है. इसी के दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया गया है।
GRAP के तहत होती हैं कौन सी पाबंदियां?
CAQM के मुताबिक, GRAP को चार कैटेगरी में लागू किया जाता है.
स्टेज 1-AQI का स्तर 201 से 300 के बीच
स्टेज 2-AQI का स्तर 301 से 400 के बीच
स्टेज 3-AQI का स्तर 401 से 450 के बीच
स्टेज 4-AQI का स्तर 450 के ऊपर
बता दें, अलग- अलग स्टेज पर अलग-अलग पाबंदियां लगाई जाती हैं.
स्टेज 1 पर लगती हैं ये पाबंदियां
-कंस्ट्रक्शन और डिमोलिशन से निकलने वाली धूल और मलबे के प्रबंधन को लेकर निर्देश लागू होंगे.
-सड़कों पर जमी धूल को उड़ने से रोकने के लिए पानी का छिड़काव किया जाएगा.
-खुले में कचरा जलाने पर प्रतिबंध रहेगा. ऐसा करने पर जुर्माना वसूला जाएगा.
-जहां ट्रैफिक ज्यादा होता है, वहां ट्रैफिक पुलिस की तैनाती होगी.
-PUC के नियमों को सख्ती से लागू किया जाएगा. गाड़ियां बिना PUC के नहीं चलेंगी.
-एनसीआर में कम से कम बिजली कटौती होगी. डिजल जनरेटर का इस्तेमाल बिजली के लिए नहीं होगा.
स्टेज 2 पर लगती हैं ये पाबंदियां
-हर दिन सड़कों की सफाई होगी. जबकि, हर दूसरे दिन पानी का छिड़काव किया जाएगा.
-होटल या रेस्टोरेंट में कोयले या तंदूर का इस्तेमाल नहीं होगा.
-अस्पतालों, रेल सर्विस, मेट्रो सर्विस जैसी जगहों को छोड़कर कहीं और डिजल जनरेटर का इस्तेमाल नहीं होगा.
-लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें, इसके लिए पार्किंग फीस बढ़ा दी जाएगी.
-इलेक्ट्रिक या CNG बसें और मेट्रो सर्विस के फेरे बढ़ाए जाएंगे.
स्टेज 3 पर लगती हैं ये पाबंदियां
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-हर दिन सड़कों की सफाई होगी. साथ ही पानी का छिड़काव भी होगा.
-अस्पताल, रेल सर्विस, मेट्रो सर्विस जैसी कुछ जगहों को छोड़कर पूरे दिल्ली-एनसीआर में कंस्ट्रक्शन और डिमोलिशन एक्टिविटी बंद हो जाएगी.
-ईंधन पर नहीं चलने वालीं इंडस्ट्रियां भी बंद हो जाएंगी. मिल्क-डेरी यूनिट और दवा और मेडिसिन बनाने वाली इंडस्ट्रियों-फैक्ट्रियों को छूट रहेगी.
-दिल्ली-एनसीआर में माइनिंग भी बंद हो जाएगी. स्टोन क्रशर और ईंट भट्टियों का काम भी बंद हो जाएगा.
-BS III पेट्रोल और BS IV डीजल पर चलने वाली कारों को लेकर प्रतिबंध आ सकते हैं.
स्टेज 4 पर होती हैं ये पाबंदियां
-दिल्ली में ट्रकों की एंट्री बंद हो जाएगी. सिर्फ जरूरी सामान लाने-ले जाने वाले ट्रक आ सकेंगे.
-दिल्ली में रजिस्टर्ड मीडियम और हेवी गुड व्हीकल्स के चलने पर प्रतिबंध. जरूरी सामान ढोने वाले व्हीकल को छूट रहेगी.
-दिल्ली में रजिस्टर्ड डीजल पर चलने वाली कारों पर प्रतिबंध रहेगा. सिर्फ BS VI इंजन गाड़ियों और जरूरी सेवा में लगी गाड़ियों को छूट रहेगी.
-इंडस्ट्री और फैक्ट्रियां बंद हो जाएंगी. कंस्ट्रक्शन और डिमोलिशन एक्टिविटी पर भी रोक रहेगी. सिर्फ हाईवे, सड़क, फ्लाईओवर, ब्रिज, पाइपलाइन बनाने का काम चलता रहेगा.
-एनसीआर में राज्य सरकार के दफ्तरों में सिर्फ 50% कर्मचारी ही आ सकेंगे. बाकी घर से काम करेंगे. केंद्र के कर्मचारियों का फैसला केंद्र सरकार करेगी.
-स्कूल, कॉलेज या शिक्षण संस्थान और गैर-जरूरी कमर्शियल एक्टिविटी को बंद या चालू रखने पर सरकार फैसला लेगी.
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