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राज्यसभा चुनाव में 41 सीटों पर उम्मीदवारों ने निर्विरोध जीत हासिल की, भाजपा को 20 सीटें मिली

नई दिल्ली। राज्यसभा की 56 सीटों को लेकर 27 फरवरी को मतदान होना है। मगर 41 सीटों को लेकर तस्वीर पूरी तरह से साफ है। यहां पर उम्मीदवारों ने निर्विरोध जीत हासिल की है। वहीं, 15 राज्यसभा सीटों को लेकर 27 फरवरी को वोटिंग होगी। 41 सीटों में सबसे अधिक सीटें भाजपा की झोली में आई हैं। भाजपा को 20 सीटें प्राप्त हुई हैं। वहीं कांग्रेस को छह सीटें मिली हैं। वाईएसआर कांग्रेस को तीन सीटें हासिल हुईं। राजद और बीजेडी को दो सीटें मिली। एनसीपी, शिवसेना, बीआरएस और जेडी (यू) को एक-एक सीटों पर संतुष्ट होना पड़ा है। 
उत्तर प्रदेश की दस सीटों पर चुनाव होंगे। ऐसा बताया जा रहा है कि भाजपा को सात सीटों पर, सपा को तीन सीटों पर जीत हो सकती है। उत्तर प्रदेश में एक उम्मीदवार की जीत को लेकर प्रथम वरीयता के 37 वोट की जरूरत है। अगर भाजपा को अपने आठों उम्मीदवारों को जिताना है तो पार्टी को 296 विधायकों के प्रथम वरीयता के वोट की आवश्यकता होगी। राज्य विधानसभा में एनडीए के पास 286 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। ये जरूरी संख्या बल से 10 कम है।

समाजवादी पार्टी की विधानसभा सीटों को जीतने के लिए सभी 111 विधायकों के मतदान की आवश्यकता है।  विधानसभा में समाजवादी पार्टी के 108, कांग्रेस के दो और बसपा का एक विधायक मौजूद है। सपा के तीन उम्मीदवारों को जिताने को लेकर सभी वोटों की आवश्यकता है। मगर यहां पर अजब माहौल बन गया है। सपा विधायक पल्लवी पटेल के अनुसार, वे जया बच्चन और आलोक रंजन के लिए मतदान नहीं करेंगी।

हिमाचल प्रदेश में एक राज्यसभा सीट को लेकर वोटिंग होनी है। हिमाचल विधानसभा में 68 सदस्य मौजूद हैं। एक उम्मीदवार को जीत को लेकर 35 वोट की आवश्यकता होती है। राज्य में कांग्रेस के 40 विधायक मौजूद हैं। तीन निर्दलीय विधायक उनके समर्थन में हैं। कांग्रेस ने यहां से अभिषेक मनु सिंघवी को अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं भाजपा ने उनके खिलाफ हर्ष महाजन को खड़ा किया है। ऐसी उम्मीद है कि कांग्रेस के कुछ विधायक भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में मतदान कर सकते हैं।

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