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वायु प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली में चलेंगी 106 अतिरिक्त बसें, मेट्रो 60 अतिरिक्त फेरे लगाएगी

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा म दिल्ली में ग्रैप-3 को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए काम कर रहे हैं।

देवेंद्र सिंह तोमर

नई दिल्ली, मेट्रो मीडिया। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शुक्रवार को कहा कि वायु गुणवत्ता खराब होने के कारण राजधानी में लागू किए गए चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना (ग्रैप) के तीसरे चरण के उपायों के तहत यहां 106 अतिरिक्त क्लस्टर बसें संचालित होगी और मेट्रो ट्रेन 60 अतिरिक्त फेरे लगाएगी।

देश में राजधानी का प्रदूषण स्तर सबसे खराब दर्ज किए जाने के बाद वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने यहां ग्रैप के तीसरे चरण को लागू कर दिया। दिल्ली में लगातार दो दिन तक वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में रही।

दिल्ली में शुक्रवार को भी वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में दर्ज की गई, जहां सुबह नौ बजे एक्यूआई 411 रहा। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) लगातार खतरनाक स्तर को पार कर रहा है, जिसके कारण ग्रैप-3 लागू किया गया है। उन्होंने कहा, हम दिल्ली में ग्रैप-3 को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि तत्काल उपायों की समीक्षा और कार्यान्वयन के लिए दिल्ली नगर निगम (एमसीडी), लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी), परिवहन, दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी), मेट्रो और शिक्षा विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की गई।

राय ने बताया कि दिल्ली में ई-बस और सीएनजी से चलने वाली बस को छोड़कर अंतरराज्यीय बसों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके अलावा बीएस-3 पेट्रोल, बीएस-4 डीजल चार पहिया वाहनों पर भी रोक लगाई गई है। नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए परिवहन विभाग ने उल्लंघनों की निगरानी हेतु 84 टीमों के साथ-साथ 280 अतिरिक्त परिवहन पुलिसकर्मियों को तैनात किया है। नये नियमों के किसी भी उल्लंघन पर 20,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।

मंत्री ने बताया कि सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने और निजी वाहनों के उपयोग को कम करने के उद्देश्य से दिल्ली परिवहन निगम 106 अतिरिक्त क्लस्टर बसें संचालित करेगा जबकि मेट्रो ट्रेन 60 अतिरिक्त चक्कर लगाएगी। इनमें से 40 बसें विशेष रूप से शहर के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले सरकारी कर्मचारियों के लिए शुरू की गई हैं, ताकि निजी वाहनों के इस्तेमाल को हतोत्साहित किया जा सके।

दिल्ली-एनसीआर के लिए ग्रैप को वायु गुणवत्ता के चार चरणों में विभाजित किया गया है – चरण 1 खराब वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के लिए जो 201 से 300 के बीच है। चरण 2 बहुत खराब एक्यूआई (301-400) के लिए, चरण 3 गंभीर एक्यूआई (401-450) के लिए और चरण 4 बेहद गंभीर एक्यूआई (450 से अधिक) के लिए होता है। ग्रैप के तीसरे चरण के तहत दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में निर्माण गतिविधियों पर पाबंदी लगा दी गई है।

वाहनों से होने वाले प्रदूषण को और कम करने के लिए मेट्रो सेवाओं में 60 अतिरिक्त फेरे बढ़ाए जाएंगे, तथा एमसीडी द्वारा धूल कणों को नियंत्रित करने वाली 65 मशीनों के साथ सड़क सफाई प्रयासों को भी बढ़ाया जाएगा। इसके अलावा, सड़कों पर पानी छिड़कने के लिए तीन पालियों में 200 मोबाइल एंटी-स्मॉग गन का उपयोग किया जाएगा, तथा निरंतर संचालन सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक पाली में नामित चालक होंगे। इस बीच, दिल्ली सरकार निर्माण गतिविधियों को नियंत्रित करने, निजी निर्माण और विध्वंस कार्यों पर प्रतिबंध लगाने और गैर-जरूरी कार्यों को प्रतिबंधित करने के लिए भी कदम उठा रही है। राय ने कहा कि हालांकि, सार्वजनिक और सरकारी सेवाएं पहले की तरह जारी रहेंगी। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे कम दूरी की यात्रा के लिए साइकिल का उपयोग करें, सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें और जब भी संभव हो घर से ही काम करने सहित अन्य उपाय करें।

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