नई दिल्ली। वर्तमान में म्यांमार के राजदूत 1992 बैच के आईएफएस अधिकारी विनय कुमार को रूस में भारत के अगले राजदूत के तौर पर नियुक्त किया है। विदेश मंत्रालय (एमईए) ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि वो जल्द ही कार्यभार संभाल लेंगे। रूस भारत के लिए एक दीर्घकालिक और विश्वसनीय भागीदार रहा है। भारत-रूस संबंधों का विकास भारत की विदेश नीति का एक प्रमुख स्तंभ रहा है। रूस में हाल ही में चुनाव हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्लादिमीर पुतिन को 2024 के चुनावों में भारी जीत की शुभकामनाएं भी दी हैं।
एक्स पर एक पोस्ट में पीएम मोदी ने कहा, “व्लादिमीर पुतिन को रूसी संघ के राष्ट्रपति के रूप में उनके फिर से निर्वाचन होने पर हार्दिक बधाई। मैं आने वाले सालों में भारत और रूस के बीच समय की कसौटी पर खरी उतरी विशेष एवं विशेषाधिकृत रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए मिलकर काम करने को उत्सुक हूं।”
अक्टूबर 2000 में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा के दौरान ‘भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी पर घोषणा’ पर हस्ताक्षर के बाद से, भारत-रूस संबंध लगभग सभी क्षेत्रों में सहयोग के उन्नत स्तर के साथ आगे बढ़ा है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि राजनीतिक, सुरक्षा, व्यापार, अर्थव्यवस्था, रक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी और संस्कृति सहित दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंध बेहतर हुए हैं। बयान में कहा गया, रणनीतिक साझेदारी के तहत, नियमित बातचीत सुनिश्चित करने और सहयोग गतिविधियों पर अनुवर्ती कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए कई संस्थागत संवाद तंत्र राजनीतिक और आधिकारिक दोनों स्तरों पर संचालित होते हैं।
दिसंबर 2010 में रूसी राष्ट्रपति की भारत यात्रा के दौरान, रणनीतिक साझेदारी को ‘विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी’ के स्तर तक बढ़ाया गया था। रक्षा के क्षेत्र में भारत का रूस के साथ दीर्घकालिक और व्यापक सहयोग है। विदेश मंत्रालय ने ये भी कहा कि भारत-रूस सैन्य तकनीकी सहयोग खरीदार-विक्रेता से आगे बढ़कर उन्नत रक्षा प्रौद्योगिकियों और प्रणालियों के संयुक्त अनुसंधान, विकास और उत्पादन तक पहुंच गया है।
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