कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी से जुड़े नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली की एक कोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राउज एवेन्यू कोर्ट को बताया कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने अपराध से 142 करोड़ रुपये कमाए हैं। आरोपी अपराध की आय का आनंद ले रहे थे।
भले ही एजेएल के गठन में पं. जवाहर लाल नेहरू की भूमिका थी, लेकिन इसपर मालिकाना हक कभी भी उनका नहीं रहा। क्योंकि, इस कंपनी को 5000 स्वतंत्रता सेनानी सपोर्ट कर रहे थे और वही इसके शेयर होल्डर भी थे। 90 के दशक में ये अखबार घाटे में आने लगे। साल 2008 तक एजेएल पर 90 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज चढ़ गया। तब एजेएल ने फैसला किया कि अब समाचार पत्रों का प्रकाशन नहीं किया जाएगा। अखबारों का प्रकाशन बंद करने के बाद एजेएल प्रॉपर्टी बिजनेस में उतरी।
स्वामी ने यह भी आरोप लगाया कि वाईआईएल ने 90.25 करोड़ रुपये की वसूली के अधिकार हासिल करने के लिए सिर्फ 50 लाख रुपये का भुगतान किया था, जो एजेएल पर कांग्रेस पार्टी का बकाया था। यह राशि पहले अखबार शुरू करने के लिए कर्ज के रूप में दी गई थी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड को दिया गया कर्ज अवैध था, क्योंकि यह पार्टी के फंड से लिया गया था।
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