header advertisement

National Herald Case: सोनिया-राहुल गांधी ने 142 करोड़ कमाए, ED का बड़ा दावा; प्रथम दृश्य में बनता है ये मामला

नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बुधवार को कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ा दावा किया है। ईडी ने कोर्ट से कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने अपराध से 142 करोड़ रुपये कमाए हैं।

कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी से जुड़े नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली की एक कोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राउज एवेन्यू कोर्ट को बताया कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने अपराध से 142 करोड़ रुपये कमाए हैं। आरोपी अपराध की आय का आनंद ले रहे थे।

ईडी ने कहा गांधी परिवार पर अपराध से प्राप्त धन को अपने पास रखने और उसे वैध बनाने का आरोप है। प्रथम दृश्य सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य के खिलाफ मनी लांड्रिंग का मामला बनता है। नवंबर 2023 में नेशनल हेराल्ड की 751.9 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त किया। यंग इंडिया कंपनी का लाभकारी स्वामित्व हमेशा सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास रहा।

क्या है नेशनल हेराल्ड से जुड़ा मामला?
देश के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू ने 20 नवंबर 1937 को एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड यानी एजेएल का गठन किया था। इसका उद्देश्य अलग-अलग भाषाओं में समाचार पत्रों को प्रकाशित करना था। तब एजेएल के अंतर्गत अंग्रेजी में नेशनल हेराल्ड, हिंदी में नवजीवन और उर्दू में कौमी आवाज समाचार पत्र प्रकाशित हुए।

भले ही एजेएल के गठन में पं. जवाहर लाल नेहरू की भूमिका थी, लेकिन इसपर मालिकाना हक कभी भी उनका नहीं रहा। क्योंकि, इस कंपनी को 5000 स्वतंत्रता सेनानी सपोर्ट कर रहे थे और वही इसके शेयर होल्डर भी थे। 90 के दशक में ये अखबार घाटे में आने लगे। साल 2008 तक एजेएल पर 90 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज चढ़ गया। तब एजेएल ने फैसला किया कि अब समाचार पत्रों का प्रकाशन नहीं किया जाएगा। अखबारों का प्रकाशन बंद करने के बाद एजेएल प्रॉपर्टी बिजनेस में उतरी।

2012 में भाजपा के नेता और देश के नामी वकील सुब्रमण्यम स्वामी ने नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडीस, पत्रकार सुमन दुबे और टेक्नोक्रेट सैम पित्रोदा के खिलाफ मामला दर्ज कराया। तब केंद्र में कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए की सरकार थी। सुब्रमण्यम स्वामी ने दावा किया कि यंग इंडिया लिमिटेड ने 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति और लाभ हासिल करने के लिए गलत तरीके से निष्क्रिय प्रिंट मीडिया आउटलेट की संपत्ति को अधिग्रहित किया।

स्वामी ने यह भी आरोप लगाया कि वाईआईएल ने 90.25 करोड़ रुपये की वसूली के अधिकार हासिल करने के लिए सिर्फ 50 लाख रुपये का भुगतान किया था, जो एजेएल पर कांग्रेस पार्टी का बकाया था। यह राशि पहले अखबार शुरू करने के लिए कर्ज के रूप में दी गई थी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड को दिया गया कर्ज अवैध था, क्योंकि यह पार्टी के फंड से लिया गया था।

No Comments:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

sidebar advertisement

National News

Politics