तिहाड़ जेल में बंद विचाराधीन कैदी भी अब फैक्टरी में काम कर कमाई कर सकेंगे। अभी तक कारागार के भीतर फैक्टरी में कार्य करने का मौका सजायाफ्ता कैदियों को ही मिलता था। विचाराधीन कैदियों के भीतर कौशल को निखारने के लिए जेल प्रशासन ने यह फैसला लिया है। इसके लिए जेल मैन्युअल में प्रावधान किया गया है।
एशिया की सबसे बड़ी जेल तिहाड़ में कैदियों का चरित्र सुधारने का काम भी किया जाता है। जेल के भीतर फैक्टरी में सजायाफ्ता कैदी बेकरी, हैंडलूम, टेक्सटाइल, फर्नीचर, पेटिंग और मोमबत्ती बनाते हैं। इससे वह हुनरमंद हो रहे हैं और हजारों रुपये की कमाई भी कर रहे हैं। जेल के अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि कैदियों को आत्मनिर्भर बनाने की कड़ी में अब विचाराधीन कैदियों को भी मौका दिया गया है। हालांकि इन कैदियों को सजायाफ्ता कैदी की तरह दूसरे जेलों में कार्य करने के लिए जाने की अनुमति नहीं होगी।
बैंक खाते भी खोले जाएंगे तिहाड़ का सामान टीजेएस (तिहाड़ जेल स्पेशल) के नाम से जाना जाता है, जो बाहर बाजारों में बिकता है। अधिकारियों ने बताया कि इन कैदियों के बैंक खाते खोले जाएंगे। इसमें पैसे जमा किए जाएंगे। जेल में इसका कुछ हिस्सा खर्च के लिए कूपन के रूप में दिया जाएगा।
तिहाड़ की फैक्टरी में काम करने वाले सजायाफ्ता कैदी
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