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भारत-बांग्लादेश सीमा की कंटीले तार पार करके वोट डालने आए 2500 लोग

लोकसभा चुनाव के पहले चरण में शुक्रवार को त्रिपुरा (Tripura) में वोट डालने के लिए करीब 2500 मतदाताओं ने भारत-बांग्लादेश सीमा (India-Bangladesh Border) पर बाड़बंदी (Fencing) पार की। कंटीले तारों की बाड़ ने भले ही उनके जीवन पर ग्रहण लगा दिया, लेकिन उनमें से कोई भी लोकतंत्र के इस सबसे बड़े त्योहार में अपने मताधिकार का प्रयोग करने का अवसर नहीं छोड़ना चाहता। ऐतिहासिक कारणों से त्रिपुरा में बड़ी संख्या में मतदाताओं को कंटीले तारों की बाड़ के उस पार रहना पड़ रहा है।

बाड़ के उस पार रहने वाले जो लोग मतदान के लिए निर्धारित आयु के हो चुके हैं, उनका नाम अब त्रिपुरा की मतदाता सूची में शामिल हो गया है। मतदान की सुविधा के लिए सुबह से ही सीमा का रास्ता खोल दिया गया था। चुनाव के मद्देनजर कड़ी सुरक्षा के बीच मुख्यधारा से कटे हुए भारतीय नागरिकों ने कहा कि उन्हें अधिकारियों से हर तरह का सहयोग मिला ताकि वे बिना किसी परेशानी के अपना वोट डाल सकें।

बांग्लादेश में कंटीले तारों की बाड़ के किनारे रहने वाले एक भारतीय नागरिक हफीजुर रहमान ने एएनआई से कहा कि उनके गांव में रहने वाले सभी 50 मतदाता इस चुनाव में अपना वोट डालने के लिए उत्सुक थे। रहमान ने एएनआई को बताया कि, जब मतदान चल रहा हो तो सीमा द्वार खुले रहते हैं।

सीमा पर गेटों पर तैनात सीमा सुरक्षा बल हर दिन बाड़ पार करने वाले ग्रामीणों के फोटो पहचान पत्रों को वेरिफाई करते हैं। मतदान के दिन भी सत्यापन हुआ। अगरतला शहर के बेहद करीब स्थित जयनगर इलाके में महिला बीएसएफ कर्मी अपने कर्तव्यों का निर्वहन करती रहीं।

रामनगर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत एक गांव की निवासी फूल बानू बेगम ने कहा, “हमारे गांव में रहने वाले परिवार सुबह से ही चुनाव प्रक्रिया में भाग लेते रहे। हमें अब तक कोई समस्या नहीं हुई। कई लोग पहले ही मतदान कर चुके हैं। सब कुछ शांति से चला। हम बाड़ के आगे रहते हैं।”

पश्चिम त्रिपुरा संसदीय सीट के रिटर्निंग ऑफिसर के अनुसार, बाड़ के उस पार रहने वाले मतदाताओं की कुल संख्या 2,500 है। बाड़ से आगे के सभी गांव पश्चिमी त्रिपुरा संसदीय क्षेत्र में आते हैं। आरओ पश्चिम त्रिपुरा डॉ विशाल कुमार ने कहा, “मतदान प्रतिशत संतोषजनक है। कुल मतदान प्रतिशत निश्चित रूप से 80 प्रतिशत के आंकड़े को पार कर जाएगा।”

पश्चिम त्रिपुरा लोकसभा क्षेत्र में बाड़बंदी के उस पार रहने वाली आबादी पर डॉ कुमार ने कहा, “यदि आप पूरे संसदीय क्षेत्र पर विचार करते हैं, तो 2,500 से अधिक मतदाता शून्य रेखा और बाड़बंदी के बीच रहते हैं और उनमें से अधिकांश बॉक्सनगर में रहते हैं। वहां की आबादी लगभग 1,600 है और सभी यहां मतदान करते हैं। हमने देखा है कि पिछले साल बड़ी संख्या में मतदाताओं ने मतदान किया था।”

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