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ठगी का नया खेल शुरू: दिल्ली पुलिस की ई-एफआईआर पर जालसाजों की नजर, शिकायत से नंबर चोरी कर लोगों से ठग रहे रुपये

दिल्ली पुलिस ही लोगों की ई-एफआईआर दर्ज करती थी। जब पुलिस की संज्ञान में ये बात आई की जालसाज ई-एफआईआर को उठाकर जालसाजी करते हैं तो पुलिस ने पीड़ित के मोबाइल नंबर को छिपाना शुरू कर दिया।

इन दिनों जालसाज ठगी करने का नया तरीका अपना रहे हैं। कुछ लोग अपने मोबाइल, लैपटॉप व गाड़ी आदि चोरी की एफआईआर ऑनलाइन खुद ही दर्ज कर रहे हैं। जालसाज उनकी ऑनलाइन एफआईआर से मोबाइल नंबर लेकर फोन करते हैं और फिर सामान वापस करने की बात कहकर पैसे ट्रांसफर करा लेते हैं।

बाहरी जिला पुलिस अधिकारियों के अनुसार, पंचवटी अपार्टमेंट, विकासपुरी निवासी दिव्या कपूर का मोबाइल बाहरी रिंग रोड पर पश्चिमी विहार में बदमाशों ने 25 मार्च को छीन लिया था। उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस में की और ऑनलाइन ई-एफआईआर कर दी। उनके पास 28 मार्च को फोन आया कि उनका एप्पल का मोबाइल उसके पास है। वह उसके अकाउंट में 2719 रुपये ट्रांसफर कर दे तो उनका मोबाइल लौटा देगा।

पीडि़त ने उनके अकाउंट में 2800 रुपये ट्रांसफर कर दिए। उसके बाद आरोपी ने कहा कि इतने ज्यादा पैसे क्यों डाले हैं, उसे सिर्फ 2719 रुपये ही चाहिए। उसके बाद पीडि़त का ठगी का एहसास हुआ। पीड़ित ने यह बात अपने एक परिचित बताई कि उनके पास जालसाज का फोन आया था। इसके बाद उन्होंने उस एकाउंट को ब्लॉक करा दिया था, जिससे पैसे ट्रांसफर किए थे। 

यहां से नंबर उठाने लगे      

बाहरी जिला पुलिस उपायुक्त सचिन ने बताया कि अब जो लोग ऑनलाइन एफआईआर कराते हैं, उसमें पीड़ित का नंबर होता है। जब लोग खुद ई एफआईआर करते हैं तो नंबर छुपा नहीं होता। जालसाज यहां से नंबर उठाकर जालसाजी करते हैं।

ऐसे करने लगे जालसाजी
पुलिस अधिकारियों के अनुसार दिल्ली पुलिस ने सबसे पहले ई-एफआईआर करना शुरू कर दिया था। मोबाइल आदि सामान चोरी, झपटमारी व खोने पर अब 112 नंबर पर कॉल करने की जरूरत नहीं होती। पीडि़त खुद ही दिल्ली पुलिस की अधिकारिक बेवसाइट पर ऑनलाइन ई-एफआईआर दर्ज कर करा सकते हैं। जालसाज दिल्ली पुलिस की ऑनलाइन ई-एफआईआर को उठाकर लोगों के साथ जालसाजी करने लगे हैं।

पुलिस ने नंबर को छिपाना शुरू किया

शुरू में दिल्ली पुलिस ही लोगों की ई-एफआईआर दर्ज करती थी। जब पुलिस की संज्ञान में ये बात आई की जालसाज ई-एफआईआर को उठाकर जालसाजी करते हैं तो पुलिस ने पीड़ित के मोबाइल नंबर को छिपाना शुरू कर दिया। अब पीड़ित के मोबाइल नंबर के चार डिजिट ही दिखाई देते हैं।

ई-एफआईआर से जालसाजी के मामले बढ़ रहे हैं। इसको लेकर जनता को जागरूकता किया जा रहा है। लोग जालसाजों से बचकर रहें। अगर सामान चोरी हो जाता है और कोई फोन कर पैसे लेकर सामान लौटाने की बात कहता है तो ऐसा न करें।  सचिन शर्मा पुलिस उपायुक्त बाहरी जिला, दिल्ली पुलिस

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