नवीन गौतम, नई दिल्ली
महंगी प्याज आम उपभोक्ता के आंसू निकाल रही है तो एशिया की सबसे बड़ी सब्जी व फल मंडी आजादपुर प्याज उत्पादक किसानों के लिए मुनाफे का सौदा साबित हो रही है। अन्य राज्यों की मंडियों की तुलना में इस मंडी में किसान को अपनी प्याज का उचित दाम मिल रहा है। इसलिए किसान की भी कोशिश कि वह अपनी प्याज लेकर आजादपुर मंडी ही पहुंचे। तमाम निजी और सरकारी प्रयासों के बावजूद मांग की तुलना में आपूर्ति न होने पाने के कारण प्याज के दाम नीचे नहीं आ रहे हैं इसका लाभ यहां प्याज लेकर पहुंच रहे किसानों को भी हो रहा है।
बता दें महाराष्ट्र से प्याज की आवक नगण्य होने के बाद प्याज के दाम कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। आजादपुर मंडी में राजस्थान के अलवर, तिजारा, खैरथल, टपूकड़ा आदि इलाकों से प्याज की अच्छी-खासी आवक के बावजूद भी प्याज महंगा बिक रहा है। व्यापारियों का कहना है कि आने वाले दिनों मेें यहां अलवर से प्याज की बंपर आवक का अनुमान है लेकिन प्याज की कीमतों में ज्यादा गिरावट की कोई उम्मीद नहीं है। एकजुट व्यापार संघ दिल्ली के अध्यक्ष साहिल यादव (प्रधान जी) ने बताया कि महाराष्ट्र में वर्षा के कारण प्याज की फसल बर्बाद हो गई और अगली फसल अभी तैयार नहीं हो पाई है। इसलिए प्याज के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं। महाराष्ट्र से आवक बंद होने के बाद बाजार में प्याज की कमी को देखते हुए अलवर के किसानों ने समय से पहले अपनी फसल खेत से निकाल कर बाजार में उतार दी। इस कारण अलवर के प्याज का आकार सामान्य से कम है । महाराष्ट्र के प्याज की नई फसल मार्केट में आने से पहले रेट गिरने की घबराहट में अलवर का किसान शायद अपनी फसल निकालना चाहता है।
अलवर के किसानों ने समय से पहले अपनी फसल खेत से निकाल कर बाजार में उतार दी। जनरल टोमेटो ट्रेडर्स एसोसिएशन के प्रधान विजेेन्द्र यादव ने बताया कि आम तौर पर फसल की प्याज तैयार होने में 80 से 90 दिन लगते हैं, लेकिन अलवर के किसानों ने 55-60 दिन में ही अपनी फसल बाजार में उतार दी। यही कारण है कि अलवर का प्याज आकार में छोटा है। उन्होंने किसानों से अपील की प्याज को निकालने में जल्दबाजी न करें, समय पूरा होने पर ही प्याज निकालें उन्हें उनका पूरा रेट मिलेगा। हाल ही में आई आईसीआइसीआई बैंक की एक रिपोर्ट के मुताबिक प्याज की कीमत में जल्द राहत की उम्मीद भी नहीं है। रिपोर्ट के मुताबिक हालांकि सब्जियों की कीमतों में नवंबर में कुछ कमी आई है लेकिन प्याज की कीमत अभी ऊंची बनी हुई है। इतना ही नहीं दिल्ली में प्याज की खपत के लिए नासिक से 1333 टन प्याज लेकर कांदा एक्सप्रेस ट्रेन बुधवार को दिल्ली के किशनगंज रेलवे स्टेशन पहुंची थी। प्याज की आवक भी बड़ी लेकिन दिल्ली में खपत प्याज की बहुत ज्यादा है जिसकी तुलना में आपूर्ति कम है जिससे प्याज की कीमतों में बढ़ रही है या फिर स्थिर हो जा रही है लेकिन गिरावट के आसार नहीं है। खैरथल मंडी में अत्यधिक प्याज लेकर पहुंचे किसानों को उसे वक्त परेशानी झेलनी पड़ी जब यातायात जाम का वास्तव देकर जिला प्रशासन ने मंडी को ही बंद कर दिया। इसलिए किसान दिल्ली की आजादपुर मंडी में ही प्याज़ लाना बेहतर समझ रहा है क्योंकि यहां से अन्य राज्यों और शहरों के लिए प्याज की लोडिंग भी होती है, ऐसे में यही मंडी उसके लिए फायदे का सौदा साबित होती है।
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