नई दिल्ली। बाबा बालक नाथ ने आज (गुरुवार) सांसद पद से इस्तीफा दे दिया है। राजस्थान में सीएम की रेस में बाबा बालकनाथ का नाम जोरों पर है। बाबा बालकनाथ ने तिजारा सीट से बड़ी जीत दर्ज की है। यादव समुदाय से आने वाले बाबा बालकनाथ योगी को सीएम बनाने की चर्चाएं जोरों पर हैं। क्योंकि इसमें बीजेपी, हिंदुत्व और ओबीसी कार्ड खेलना चाहती है। ऐसे में बाबा का सांसद पद से इस्तीफा देना इस बात का भी संकेत है कि क्या मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लगी है?
बाबा का नाम भी लोगों के बीच चर्चा में है। राजस्थान में कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी हिंदुत्व के चेहरे पर कोई मोहर लगा सकती है। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी भी पूरी तरह सक्रिय है, ऐसे में अगर बीजेपी बाबा को सीएम बना दे तो कोई आश्चर्य नहीं होगा।
वहीं, दूसरी ओर उत्तर प्रदेश और बिहार में जनसंख्या के अनुपात में जातिगत आरक्षण और जनगणना को लेकर काफी चर्चा हो रही है। बीजेपी को लगता है कि इससे विपक्ष ओबीसी समुदाय को गोलबंद करने में कामयाब हो जाएगा।यूपी में बीजेपी ये काम पहले भी कर चुकी है। सीएम योगी आदित्यनाथ पर दांव खेलकर बीजेपी ने यूपी समेत पूरे भारत में हिंदुत्व का कार्ड मजबूत कर लिया है।
ऐसे में बीजेपी राजस्थान में यही फार्मुला लागू करे तो चौंकाने वाले बात नहीं होगी। आपको बता दें कि अलवर के रहने वाले बाबा बालकनाथ योगी का प्रभाव क्षेत्र का काफी बड़ा है। वह हरियाणा के रोहतक में स्थित नाथ संप्रदाय के मठ के मंहत भी हैं। योगी आदित्यनाथ के बेहद ही करीबी माने जाते हैं। आपको बता दें कि बालकनाथ के समर्थन में योगी आदित्यानाथ ने रैलियों में भी दिखाई दिए थे। सीएम योगी यहां तक बाबा बालकनाथ के नामाकंन रैली मे शामिल हुए थे। बाबा की तजिरा के इलाकें में जबरदस्त पकड़ है।
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