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सांसदों के निलंबन का बनता नया रिकॉर्ड,लोकसभा से 2 और विपक्षी सांसद ससपेंड, अब तक 143 पर एक्शन

संसद की सुरक्षा में चूक को लेकर जारी हंगामे को लेकर दो और सांसदों पर गाज गिरी है। बुधवार (20 दिसंबर) को सदन की अवमानना के मामले में स्पीकर ने दो विपक्षी सदस्यों सी थॉमस और ए एम आरिफ को संसद सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया। अब तक लोकसभा और राज्यसभा के 143 सांसदों को निलंबित किया जा चुका है।

 

मंगलवार को ही लोकसभा से 49 सांसदों को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया था। इससे एक दिन पहले सोमवार को लोकसभा से 33 और राज्यसभा से 45 सांसदों को निलंबित किया गया था। वहीं 14 दिसंबर को लोकसभा से 13 और राज्यसभा से एक सांसद को निलंबित किया गया।

 

दरअसल, 13 दिसंबर को संसद पर हमले की बरसी के दिन संसद की सुरक्षा में बड़ी चूक का मामला सामने आया था, जब दो युवक लोकसभा के दर्शक दीर्घा से फ्लोर पर कूद गए थे। इस दौरान उन्होंने केन से धुंआ फैला दिया। इसी दौरान संसद परिसर में दो अन्य ने केन के जरिए लाल और पीले रंग का धुंआ फैला दिया। इस दौरान उन्होंने नारेबाजी भी की। इस मामले के मास्टरमाइंड माने जा रहे ललित झा समेत 6 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है और फिलहाल ये सभी पुलिस रिमांड पर हैं।

 

वहीं विपक्ष संसद की सुरक्षा में हुई चूक को लेकर गृहमंत्री अमित शाह से सदन में बयान देने के मांग कर रहा है। सरकार का कहना है कि चूक का मामला लोकसभा सचिवालय के दायरे में आता है और उसने उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। इस मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।

 

लगातार सांसदों के निलंबन के मुद्दे पर विपक्ष हमलावर है और उसका कहना है कि सरकार महत्वपूर्ण बिलों को बिना किसी चर्चा के पास करवाना चाहती है। इसलिए सांसदों को निलंबित किया जा रहा है। बुधवार को ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि 150 सांसद बाहर बैठे हैं, लेकिन कोई चर्चा नहीं हो रही। अडानी पर चर्चा नहीं होगी। बेरोजगारी पर चर्चा नहीं होगी, राफेल पर चर्चा नहीं होगी। इस पर टीवी पर चर्चा होगी बस।

 

सरकार और विपक्ष में तकरार मंगलवार (19 दिसंबर) को और भी बढ़ गया जब निलंबन के विरोध में विपक्ष ने सदन के बाहर प्रदर्शन किया। इस दौरान टीएमसी के सांसद कल्याण बनर्जी ने लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री की। इसका वीडिया राहुल गांधी बनाते दिखे।

 

सरकार का कहना है कि ये पद का अपमान है। इसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धनखड़ को फोन भी किया। उन्होंने इस दौरान कहा कि  जो आज आपको सुना पड़ा मैं पिछले 20 सालों से यह सब सुन रहा हूं, लेकिन जिस तरह से सदन के अंदर देश के उपराष्ट्रपति होते हुए आपको यह सुनाा पड़ा यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।

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