एनडीएमसी के अनुसार, उसका लक्ष्य है कि स्मार्ट पार्किंग व्यवस्था के जरिए लोगों को ऐसी सुविधा दी जाए जिसमें न पार्किंग की चिंता हो न समय की बर्बादी। इसके लिए वह ऐसे डिजिटल समाधानों पर काम कर रही है, जिससे पार्किंग स्लॉट की रियल टाइम जानकारी मोबाइल एप या वेबसाइट के माध्यम से उपलब्ध हो सके।
नवीनतम तकनीकों का होगा इस्तेमाल
इस परियोजना के तहत एनडीएमसी स्वचालित बैरियर सिस्टम, ऑनलाइन स्लॉट बुकिंग, जीपीएस आधारित नेविगेशन और डिजिटल पेमेंट इंटरफेस जैसी अत्याधुनिक तकनीकों को अपनाएगी। इसके अलावा ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (एएनपीआर) और सीसीटीवी निगरानी जैसे उपायों को भी शामिल किया जाएगा। इससे सुरक्षा व्यवस्था को भी मज़बूत किया जा सकेगा। एनडीएमसी की योजना के तहत पार्किंग डाटा को सेंट्रलाइज्ड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से जोड़ा जाएगा, जहां से पूरे नेटवर्क पर नजर रखी जा सकेगी और किसी भी प्रकार की समस्या का समाधान तुरंत किया जा सकेगा।
राजस्व बढ़ाने और ट्रैफिक दबाव कम करने की रणनीति
एनडीएमसी के उपाध्यक्ष कुलजीत सिंह चहल का कहना है कि यह स्मार्ट पार्किंग परियोजना न केवल लोगों को बेहतर सेवा देगी, बल्कि राजस्व वृद्धि का भी एक बड़ा जरिया बनेगी। साथ ही, अनाधिकृत पार्किंग पर नियंत्रण और ट्रैफिक दबाव कम करने में भी सहायता मिलेगी। वहीं स्मार्ट पार्किंग से पार्किंग शुल्क की वसूली पारदर्शी होगी, जिससे राजस्व में बढ़ोतरी होगी। साथ ही, शहर की सड़कों पर बेतरतीब पार्किंग और यातायात जाम जैसी समस्याओं से भी निजात मिलेगी।
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