साढ़े तीन महीने बाद मंगलवार (19 दिसंबर) की शाम दिल्ली में इंडिया गठबंधन की चौथी बैठक होने जा रही है। बैठक में लोकसभा चुनाव को लेकर सीटों के बंटवारे और साझा घोषणापत्र को लेकर चर्चा होनी है। सूत्रों का कहना है कि कुछ पार्टियां हालिया विधानसभा चुनावों में हिंदी पट्टी के तीन राज्यों में कांग्रेस को इंडिया गठबंधन के सहयोगी दलों को जगह नहीं देने और बीजेपी की जीत का मुद्दा भी उठा सकती हैं। ऐसे में एक सवाल यह भी है कि क्या चौथी बैठक में इंडिया गठबंधन का कोई संयोजक तय होगा?
इंडिया गठबंधन में शामिल सभी 27 दलों के नेता बैठक में शामिल होंगे। बैठक में कांग्रेस से मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, सोनिया गांधी भाग लेंगे। नेशनल कॉन्फ्रेंस से फारुक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला, पीडीपी से महबूबा मुफ्ती, आम आदमी पार्टी से अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान, समाजवादी पार्टी से अखिलेश यादव और आरएलडी से जयंत चौधरी बैठक में शामिल होंगे।
इसके अलावा अपना दल कमेरावादी से कृष्णा पटेल, जेडीयू से नीतीश कुमार और ललन सिंह आरजेडी से लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव, सीपीआईएमएल से दीपांकर भट्टाचार्य ,सीपीएम से सीताराम येचुरी, सीपीआई से डी राजा, टीएमसी से ममता बनर्जी, एनसीपी से शरद पवार, शिवसेना से उद्धव ठाकरे, डीएमके से एमके स्टालिन, मुस्लिम लीग से कादेर मोहिदीन और जेएमएम से हेमंत सोरेन मीटिंग में शामिल होंगे।
बैठक में भाग लेने के लिए केरल कांग्रेस (एम) से जोश के मणि, आरएसपी से एनके प्रेमचंद्रन और वीसीके से थिरुमावलावन, एमडीएमके से वाइको, केरल कांग्रेस जोसेफ से पीसी थॉमस, फॉरवर्ड ब्लॉक से जी देवराजन, एमएमके से मोहम्मद जवाहिरुल्लाह, केएमडीके से ई आर ईश्वरन और पीडब्लूपी से जयंत प्रभाकर पाटिल दिल्ली आएंगे।
इंडिया गठबंधन की पिछली बैठक अगस्त के अंत में हुई थी। इस बैठक में सभी दलों ने एक साथ लोकसभा चुनाव लड़ने का संकल्प लिया था। यह भी तय हुआ था जहां तक संभव हो बीजेपी के खिलाफ साझा उम्मीदवार उतारा जाएगा। गठबंधन के कामकाज के लिए कई कमेटी बनाने का ऐलान भी हुआ था, लेकिन इसमें कोई खास प्रगति नहीं हुई।
सबसे बड़ा मुद्दा सीट बंटवारे का है। गठबंधन में शामिल ज्यादातर दल कांग्रेस पर ज्यादा सीटों छोड़ने का दबाव बना रहे हैं। राजनीतिक परिस्थितियों के मुताबिक कांग्रेस करीब 310 सीटों पर लड़ सकती है और करीब 230 सीटें सहयोगियों के लिए छोड़ सकती है। बात बन गई तो इंडिया गठबंधन में कांग्रेस अलग-अलग राज्यों में जितनी सीटें लड़ सकती है उसका स्वरूप कुछ ऐसा हो सकता है –
जम्मू कश्मीर में 2
लद्दाख में 1
पंजाब में 6
चंडीगढ़ में 1
हिमाचल प्रदेश में 4
हरियाणा में 10
दिल्ली में 3
राजस्थान में 25
गुजरात 26
मध्य प्रदेश में 29
छत्तीसगढ़ में 11
यूपी में 15 से 20
उत्तराखंड में 5
बिहार में 6 से 8
झारखंड में 7
ओडिशा में 21
बंगाल में 6 से 10
आंध्र प्रदेश में 25
तेलांगना में 17
कर्नाटक में 28
महाराष्ट्र में 16 से 20
तमिलनाडु में 8
केरल में 16
पूर्वोत्तर में 25
गोवा में 2
सीटों के बंटवारे पर चर्चा आसान है, लेकिन इसे लागू करना बेहद कठिन। बीजेपी से ज्यादा इंडिया गठबंधन की बड़ी चुनौती यही है। वैसे भी विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद साफ है कि यदि विपक्षी दल एकसाथ नहीं लड़े तो बीजेपी के सामने चुनौती की औपचारिकता भी नहीं होगी।
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