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बिना अदालत की इजाजत के राम रहीम को न दें पैरोल, HC का हरियाणा सरकार को सख्त निर्देश

डेरा सच्चा सौदा प्रमुख की पैरोल को लेकर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए कहा कि भविष्य में कोर्ट के अनुमति के बिना राम रहीम को पैरोल न दी जाए। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि राम रहीम अभी पैरोल पर बाहर हैं और उनकी पैरोल 10 मार्च को समाप्त हो रही है। कोर्ट ने 10 मार्च को राम रहीम को सरेंडर करने को कहा है।  सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार से पूछा कि राज्य सरकार पीठ को बताए कि राम रहीम की तरप और कितने कैदियों को इस तरह से पैरोल दी गई है। पीठ ने हरियाणा सरकार से इसकी जानकारी मांगी है, जिसके लिए सुनवाई की अगली तारीख मुकर्रर की गई है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि  बलात्कार और हत्या के दोषी हरियाणा में 20 साल की सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को चार साल में नौवीं बार को 50 दिन की पैरोल दी गई थी। पैरोल के बाद वह उत्तर प्रदेश के बागपत में अपने संप्रदाय के डेरा में रह रहे हैं। जेल से उसकी आखिरी रिहाई नवंबर 2023 में 21 दिनों के लिए हुई थी। पिछले साल उसे तीन बार पैरोल दी गई थी। अब तक उसे 184 दिनों की पैरोल और फर्लो दी गई है। बलात्कार और हत्या के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद वह अगस्त 2017 से सुनारिया जेल में बंद है। हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में उसके बड़ी संख्या में अनुयायी हैं। जेल मैनुअल के मुताबिक, एक दोषी एक साल में 70 दिन की पैरोल का हकदार है।

राम रहीम को दो महिलाओं से बलात्कार के आरोप में अगस्त 2017 में 20 साल जेल की सजा सुनाई गई थी। जनवरी 2019 में पंचकुला की एक विशेष सीबीआई अदालत ने 16 साल पहले पत्रकार राम चंदर छत्रपति की हत्या के लिए राम रहीम और तीन अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। 25 अगस्त, 2017 को उसकी सजा के कारण पंचकुला और सिरसा में जमकर हिंसा हुई, जिसमें 41 लोग मारे गए और 260 से अधिक घायल हो गए।

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