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भारत पर 205 लाख करोड़ कर्ज, हर नागरिक पर 1.40 लाख का बोझ, IMF ने भी दी चेतावनी

भारत दुनिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था बना हुआ है और दुनिया की तमाम एजेंसियों ने इस बात को माना है. बीते सितंबर तिमाही में घरेलू बाजार में कारोबार करने वाले कुल बकाया बॉन्ड में बढ़ोतरी दर्ज की गई है और ये मार्च में 2.34 ट्रिलियन डॉलर से बढ़कर 2.47 ट्रिलियन डॉलर हो गए हैं.   पीटीआई के मुताबिक, कुल बकाया बाॉन्ड मार्च 2023 में 2.34 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर सितंबर 2023 तक 2.47 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर हो गए. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के आंकड़ों का हवाला देते हुए रिपोर्ट में साफ किया गया है कि ये सभी घरेलू बाजार में कारोबार करने वाले बॉन्ड हैं. इन कुल बकाया बांड में से, केंद्र सरकार के बांड (G-secs) दूसरी तिमाही (Q2) में 1.34 ट्रिलियन डॉलर हैं, जो मार्च 2023 तिमाही में 1.06 ट्रिलियन डॉलर से अधिक थे. दूसरी ओर रिजर्व बैंक के आंकड़ों में बताया गया है कि देश का कुल विदेशी ऋण, जो सरकारी और कॉरपोरेट बॉन्ड के साथ-साथ कर्जदाताओं से लिया गया लोन है, जून 2023 तक मामूली रूप से बढ़कर 629.1 अरब डॉलर हो गया, हालांकि ऋण-जीडीपी (Debt-GDP) अनुपात घटकर 18.6 फीसदी हो गया.

 

RBI डाटा के मुताबिक, मार्च 2023 में विदेशी ऋण 624.3 अरब डॉलर था और इसमें 4.7 अरब डॉलर का इजाफा हुआ है. सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के प्रतिशत के रूप में यह मार्च 2023 में 18.8 फीसदी से घटकर जून 2023 में 18.6 फीसदी हो गया. इसमें बताया गया है कि 1.34 ट्रिलियन डॉलर पर, सरकारी प्रतिभूतियों की कुल बकाया बॉन्ड में 46.04 फीसदी हिस्सेदारी है, जबकि राज्यों के बांड 24.4 फीसदी हैं. गौरतलब है कि भारतीय अर्थव्यवस्था बीते कुछ समय से तेज रफ्तार से आगे भाग रही है और फिलहाल दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी इकोनॉमी है.

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