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उपराज्यपाल के मॉडल कुतुबगढ़ गांव में भ्रष्टाचार तो बाकी का आलम क्या होगा

... कुतुबगढ़ और नगर ठाकरान के बाद अब होलंबी कला सहित कई गांव में उम्मीद की किरण जगी

 

नवीन गौतम , नई दिल्ली।

गांवों में विकास के नाम पर भ्रष्टाचार भ्रष्ट लोगों के लिए बहुत ही आसान रहा है, इसकी वजह है जिम्मेदार लोग गांव की तरफ रुख कम करते हैं। अब जब नागल ठाकरान और कुतुबगढ़ गांव में कथित विकास के नाम पर भ्रष्टाचार की परत खुली तो अन्य गांव में भी शोर मचना शुरू हो गया। हालांकि इससे पहले भी गांव के भ्रष्टाचार की तरफ जिम्मेदार लोगों का ध्यान दिलाया जाता रहा लेकिन जिम्मेदार लोग अपनी जिम्मेदारी को भूल गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाते रहे हैं। नरेला जोन के डिप्टी चेयरमैन रहे विजेन्द्र यादव ऐसे मामले लगातार उजागर करते रहे लेकिन भ्रष्ट अधिकारी उन्हें रद्दी की टोकरी में डालते रहे। इनकी हाई लेवल विजिलेंस, सीबीआई और विभागीय जांच होगी तब तस्वीर साफ हो पाएगी ।

यह केवल कुतुबगढ़ गांव का अकेला मामला नहीं है। 25 जनवरी 2025 को होलम्बी कलां गांव में भी घटिया सड़क निर्माण को लेकर एक शिकायत दर्ज करवाई थी। जो शिकायत मिली उसके आधार पर पता चला कि महज 2 या 3 इंच पर ही मसाला डालकर आरएमसी की सड़क बनाई जा रही थी और घटिया सामग्री को इसमें मिक्स किया जा रहा था। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन है कि जहां निर्माण कार्य हो रहा है वहां पर कनिष्ठ अभियंता और सहायक अभियंता का मोबाइल नंबर अंकित होना चाहिए लेकिन वहां इन नियमों की भी अनदेखी की गई और वहां कोई संपर्क सूत्र नहीं था। होलम्बी कलां गांव में सड़क निर्माण का बजट 3. 5 करोड़ रुपये था । अब कुतुबगढ़ गांव और पहले होलंबी कला गांव और इन दोनों ही जगहों पर अधिकारी एक ही हैं तो इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि न जाने कौन-कौन इस बहती गंगा में हाथ धो रहा है।

ताज्जुब इस बात का है पहले होलंबी कलां और अब कुतुबगढ़ यह बार-बार भ्रष्टाचार के आरोप सामने आना इस बात की बानगी है कि जब 90 दिन पहले भ्रष्टाचार की शिकायत दर्ज करवाई तभी नरेला ज़ोन के तत्कालीन उपायुक्त को कार्यवाही कर भ्रष्टाचार पर लगाम कसनी चाहिए थी लेकिन ऐसा नहीं हो सका और इसी चीज का फायदा उठाकर अब कुतुबगढ़ गांव में भी मिट्टी के ऊपर मसाला डालकर या यूं कहें की भ्रष्टाचार का लेप लगाकर सड़क बनाई जा रही है तो कहना गलत नहीं होगा। इन अधिकारियों को इतना भी डर नहीं की कुतुबगढ़ गांव को खुद दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने एक मॉडल विलेज के तौर पर विकसित करने की कवायद शुरू की थी। अंदाजा लगा सकते हैं जब कथित भ्रष्टाचारी मॉडल गांव को ही भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा सकते हैं तो बाकी गांव में निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार किस हद तक होगा इसकी कल्पना की जा सकती है।

अब जब नरेला जोन में नए उपायुक्त राकेश कुमार ने कार्यवाल संभाला तो उन्होंने कुतुबगढ़ और नागल ठाकरान के सड़क निर्माण में हो रहे भ्रष्टाचार को मौके पर जाकर उजागर कर दिया तो अन्य गांव में भी उम्मीद की किरण जगी है।

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