केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह देश की आंतरिक सुरक्षा को लेकर काफी सतर्क हैं। इस बीच उन्होंने शुक्रवार को दिल्ली में विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के प्रमुखों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की। इस बैठक में उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर जरूरी दिशा-निर्देश दिए। इस बैठक में इंटेलिजेंस ब्यूरो के मल्टी एजेंसी सेंटर की कार्यप्रणाली की समीक्षा भी की गई। बैठक के दौरान गृह मंत्री शाह ने देश में उभरते सुरक्षा खतरे से निपटने के लिए आतंकी नेटवर्क और उनके सहायक इको-सिस्टम के खात्मे के लिए सभी एजेंसियों के ज्यादा तालमेल पर जोर दिया।
इसके साथ ही उच्चस्तरीय बैठक के दौरान गृह मंत्री शाह ने सुरक्षा एजेंसियों और अन्य खुफिया और कानून लागू करने वाली एजेंसियों के प्रमुखों को राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति ‘संपूर्ण सरकार’ का दृष्टिकोण अपनाने का निर्देश दिया। इसके साथ ही शाह ने खुफिया ब्यूरो के ‘मल्टी एजेंसी सेंटर’ के कामकाज की भी समीक्षा की। इनके पास ही देश की सुरक्षा चुनौतियों से निपटने की जिम्मेदारी है।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एमएसी को विभिन्न हितधारकों के बीच कार्रवाई योग्य खुफिया जानकारी को सक्रिय और वास्तविक समय पर साझा करने को लेकर एक मंच के रूप में 24 घंटे सातों दिन काम करना जारी रखना चाहिए। गृह मंत्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एमएसी ढांचे की पहुंच और प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए एक बड़े तकनीकी और परिचालन सुधार के लिए तैयार है।
वहीं गृह मंत्री अमित शाह ने देश में नई और उभरती सुरक्षा चुनौतियों को देखते हुए कहा कि, हमें अपने एक्शन में हमेशा एक कदम आगे रहना होगा। उन्होंने देशभर की खुफिया और प्रवर्तन एजेंसियों समेत विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के के प्रमुखों को राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति ‘संपूर्ण सरकार का दृष्टिकोण अपनाने का निर्देश दिया। गृह मंत्री ने सभी प्रतिभागियों से मल्टी एजेंसी सेंटर में अपनी भागीदारी बढ़ाने और इसे एक सामंजस्यपूर्ण मंच बनाने के बारे में कहा।
उन्होंने कहा कि जो निर्णायक और त्वरित कार्रवाई के लिए सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियों, ड्रग्स-रोधी एजेंसियों, साइबर सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों को एक साथ लाता है। गृह मंत्री शाह ने राष्ट्रीय सुरक्षा में शामिल सभी एजेंसियों से युवा, तकनीकी रूप से कुशल जोशीले अधिकारियों की एक टीम गठित करने पर जोर दिया, जिससे बिग डाटा और एआई/एमएल संचालित एनालिटिक्स और तकनीकी प्रगति का उपयोग कर आतंकी इकोसिस्टम को खत्म किया जा सके।
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