नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन इस हफ्ते संसद के चले बजट सत्र के दौरान राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ पर कटाक्ष करने को लेकर सुर्खियों में रहीं। अब जया बच्चन ने अपने विदाई भाषण (Jaya Bachchan In Rajya Sabha Farewell Speech) के दौरान सदन के सभी सदस्यों से माफी मांगी। उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि वह गुस्सैल हैं लेकिन उनका इरादा किसी को ठेस पहुंचाने का नहीं था। सपा नेता ने कहा, “लोग अक्सर मुझसे पूछते हैं कि मुझे गुस्सा क्यों आता है। यह मेरा स्वभाव है, मैं खुद को नहीं बदल सकती। अगर मुझे कोई बात पसंद नहीं आती या मैं उससे सहमत नहीं होती, तो मैं अपना आपा खो देती हूं।”
जया बच्चन ने कहा, “अगर मैंने आपमें से किसी के साथ अनुचित व्यवहार किया, या यह पर्सनल हो गया, तो मैं माफी मांगती हूं।” सपा नेता ने यह बात राज्यसभा के विदाई भाषण में गुरुवार को कही। उन्होंने यह भी कहा कि अगर उनके शब्दों से कोई आहत हुआ हो तो वह माफी चाहती हैं। बता दें रि राज्यसभा में जिन 68 सदस्यों का कार्यकाल फरवरी से अप्रैल के दौरान पूर्ण होने जा रहा है, उनमें जया बच्चन भी शामिल हैं।
जया बच्चन ने सदन में 20 साल के अपने अनुभवों का जिक्र करते हुए कहा, “20 साल जीवन का बहुत लंबा समय रहता है। मुझे कई खट्टे मीठे अनुभव हुए। सबसे अच्छा अनुभव यह रहा कि मेरा परिवार बहुत बड़ा हो गया।” उन्होंने कहा कि, “मुझसे सहयोगी अक्सर पूछते हैं कि मैं इतना गुस्सा क्यों हो जाती हूं। मैं क्या करूं, मेरा स्वभाव ही ऐसा है, जो बात मुझे गलत लगती है, उसे मैं नहीं सह पाती, बोल देती हूं। अगर मेरे शब्दों से कोई आहत हुआ है तो मैं क्षमा मांगती हूं।”सपा नेता जया बच्चन ने कहा, “मैं कामना करती हूं कि यह सदन सदा समृद्ध होता रहे और यहां आने वाले विशेषज्ञों के अनुभवों से लाभान्वित होता रहे।”
बता दें कि राज्यसभा से विदा होने वाले सदस्यों के योगदान को याद करते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि उनके द्वारा साझा की गई नॉलेज को वह बहुत याद करेंगे, उनके जाने से एक खालीपन आ जाएगा। उन्होंने कहा, “हमारे सम्मानित सहयोगियों की विदाई से एक खालीपन आ जाएगा। अक्सर कहा जाता है कि ‘हर शुरुआत का एक अंत होता है और हर अंत की एक नई शुरुआत होती है।”
बात दें कि मंगलवार को, धनखड़ की टिप्पणी पर जया बच्चन ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि अगर सदस्यों को मुद्दा समझाया गया होता तो वे समझ गए होते और वे “स्कूली बच्चे नहीं” हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सांसदों के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार किया जाना चाहिए। थोड़ी देर बाद स्थिति को शांत हुई।
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