राजीव दाधीच
प्रयागराज/ मथुरा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 23 नवंबर को मथुरा आने से पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला आया है। हाईकोर्ट ने सरकार को बांके बिहारी मंदिर के चारों तरफ कॉरिडोर बनाए जाने का निर्देश दिया गया है। इस निर्देश के बाद मथुरा जिले के वृंदावन स्थित ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के चारों तरफ कॉरिडोर बनाए जाने का रास्ता साफ हो गया है। कोर्ट ने कहा कि कॉरिडोर निर्माण में आने वाले अतिक्रमण को हटाया जाए। अदालत ने मंदिर के धन को खर्च नही करने का निर्देश दिया गया है। हाईकोर्ट ने कहा सरकार अपने स्तर से बजट जारी करके कॉरिडोर का निर्माण कराए. चीफ जस्टिस की डिविजन बेंच ने आदेश दिया।
गौरतलब है कि पिछले वर्ष श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर हुए आदेश के बाद यूपी सरकार ने ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर कॉरिडोर बनाने का प्रस्ताव तैयार किया था। मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया। इस कारण बांके बिहारी कॉरिडोर का काम काफी समय से अटका था। सरकार की कोशिश है कि काशी विश्वनाथ के कॉरिडोर की तरह मथुरा वृंदावन के रास्ते में हुए अतिक्रमण को हटाकर भव्य कॉरिडोर का निर्माण कराया जाए, जिससे यहां आने वाली लाखों भक्तों की भीड़ को आसानी से दर्शन मिल सके। मथुरा वृंदावन की पारंपरिक पहचान को बनाए रखते हुए इसे बड़ा आध्यात्मिक केंद्र बनाने की तैयारी है। इसमें एक हजार करोड़ रुपये से अधिक खर्च करने की तैयारी है।
हालांकि मंदिर के सेवायत और व्यापारी इसका तीखा विरोध कर रहे थे। उनका कहना था कि इस कॉरिडोर से मथुरा -वृंदावन की सदियों पुरानी सांस्कृतिक पहचान खत्म हो जाएगी। उसकी तंग गलियों में बसी विरासत को चोट पहुंचेगी। इससे हजारों की संख्या में लोग बेरोजगार हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि मंदिर के पास जमा संपत्ति से ही इस कॉरिडोर को बनाया जा रहा है। हाईकोर्ट ने फैसले में कहा कि कॉरिडोर के निर्माण में मंदिर की संपत्ति का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. लेकिन यहां भक्तों की सुविधा के लिए कॉरिडोर का निर्माण किया जाना जरूरी है।
No Comments: