भारतीय रिजर्व बैंक ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर बैन लगाया है। ये बैन पूरी तरह 15 मार्च के बाद लागू होना है, इससे ठीक एक दिन पहले पेटीएम पेमेंट्स बैंक ने 20 प्रतिशत स्टाफ की छंटनी का ऐलान कर दिया है। आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक के रेग्युलेटरी नियमों के पालन में अनदेखी के चलते जनवरी के आखिर में ही बैन लगा दिया था। हालांकि करोड़ों ग्राहक की असुविधा को देखते हुए पहले 29 फरवरी तक की छूट दी गई थी, जबकि बाद में इसे बढ़ाकर 15 मार्च कर दिया गया था।
पेटीएम पेमेंट्स बैंक के फाउंडर विजय शेखर शर्मा हैं। पेटीएम पेमेंट्स बैंक को भारतीय रिजर्व बैंक से पेमेंट्स बैंक का लाइसेंस मिला हुआ है। इसके चलते वह रेग्युलेशन के दायरे में आने वाली कंपनी है। जब पेटीएम पेमेंट्स बैंक ने इन रेग्युलेटरी नियमों का सही से पालन नहीं किया, तो उसे बैन का सामना करना पड़ा है।
ये बात समझ लेना जरूरी है कि पेटीएम यानी वन97 कम्युनिकेशंस ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक यूनिट से 20 प्रतिशत कर्मचारियों को बाहर निकालने का ऐलान किया है। दिसंबर 2023 तक के डेटा के मुताबिक कंपनी की इस यूनिट में करीब 2,775 एम्प्लॉइज काम करते हैं। इसके हिसाब से इस छंटनी का असर 553 लोगों की नौकरी पर होगा।
RBI के बैन से पेटीएम पेमेंट्स बैंक को 15 मार्च तक की छूट मिली है। ऐसे में 16 मार्च से उसकी लगभग सभी सर्विसेस अब बंद हो जाएंगी। इसका मतलब ये हुआ कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक के ग्राहक अपने खातों में 16 मार्च से कोई नई रकम जमा नहीं कर पाएंगे। साथ ही खातों से जुड़े फास्टैग, बिल पेमेंट्स इत्यादि पर भी रोक लग जाएगी। उनके पेटीएम पेमेंट्स बैंक से जुड़े प्रीपेड कार्ड या डिजिटल वॉलेट भी काम के नहीं रह जाएंगे।
हालांकि लोगों को उनके खाते में बची हुई राशि को ट्रांसफर करने की छूट मिली है। साथ ही आरबीआई की तरफ से फास्टैग में बचा अमाउंट खत्म होने तक उसके इस्तेमाल की राहत भी दी गई है, लेकिन एनएचएआई ने 15 मार्च के बाद से पेटीएम पेमेंट्स बैंक से जारी फास्टैग बैन करने का फैसला किया है और लोगों को इसे किसी दूसरे बैंक के फास्टैग से बदलने के लिए कहा है।
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